नई दिल्ली:- वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को सभी ग्रहों में सबसे अधिक मारक तथा सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रहों में से एक माना जाता है. जिन जातकों की कुंडली में यदि शनि देव शुभ स्थान पर रहते हैं तो हमेशा शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे लोग जिनके ऊपर शनिदेव की कृपा होती है, उन्हें भाग्य का अच्छा साथ और जीवन की प्रत्येक सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं. यदि कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है तो ऐसी स्थिति में शनि जातकों को बहुत अधिक कष्ट भोगने पड़ते हैं.
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 12 राशियों में से शनि कुछ राशि वालों पर ही अपने विशेष कृपा बनाए रखते हैं. शनिदेव जिन राशियों पर अपनी विशेष प्रकार की कृपा बनाए रखते हैं उन राशियों पर किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है और साथ ही साथ उनके जीवन में सुख सुविधाएं और धन दौलत सदैव बनी रहती है चलिए जानते हैं कि शनि देव की प्रिय राशि कौन सी है
तुला राशि
यह राशि शनिदेव की सबसे प्रिय राशि होती है. केवल शनिदेव की ही नहीं बल्कि अन्य दूसरे देवी-देवताओं की भी यह तुला राशि प्रिय होती है. तुला राशि वाले सभी जातकों पर शनि देव की हमेशा ही कृपा बनी रहती है. इस राशि के जातकों को उनके भाग्य का सबसे अच्छा फल मिलता है. इन राशि वालों के जीवन में आने वाली कठिनाइयां अधिक समय तक नहीं रहती हैं.
मकर राशि
शनिदेव की प्रिय राशियों में से दूसरी राशि मकर राशि होती है. मकर राशि वालों के ऊपर शनिदेव की सबसे अधिक कृपा बरसती है. जब भी शनि देव शुभ स्थान पर रहते हैं तो मकर राशि वाले लोगों पर अपनी विशेष दृष्टि अवश्य डालते हैं. मकर राशि वालों के ऊपर शनि की कृपा होने से ऐशोआराम, धन दौलत और वैभव की कोई भी कमी नहीं होती है.
कुंभ राशि
शनिदेव को मुख्य 2 राशियों का स्वामित्व प्राप्त होता है. जिसमें की पहली राशि मकर राशि तथा दूसरी राशि कुंभ राशि मानी जाती हैं. इस राशि के जातकों को किसी भी प्रकार का कार्य करने में बहुत ही कम प्रयास करने पड़ते हैं. इस राशि वाले लोग बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली होते हैं. इनके जीवन में धन दौलत की कभी भी कोई कमी नहीं रहती है. कुंभ राशि वाले प्रत्येक मौके पर बाजी जरूर मारते हैं. इन्हें शनिदेव की कृपा होने पर अचानक धन लाभ की प्राप्ति होती है.